इस कविता में राजीव कृष्ण सक्सेना जी ने आम आदमी के बारे में लिखा है जो हर दुःख दर्द सहता है पर फिर भी इस भागम भाग भरी ज़िन्दगी में कुछ खुशी के पल भी खोज ही लेता है ।
Monday, November 2, 2009
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
polishing brains
No comments:
Post a Comment